मध्यप्रदेश भौगोलिक अर्थ से भी अधिक भारत का हृदय है ।छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बावजूद यह देश के बड़े राज्यों में से एक है। भोपाल इसकी राजधानी है।
इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर यहॉं के प्रमुख, नवीनीकृत आर्थिक गतिविधियों के साथ आधुनिकता की ओर अग्रसर, विकासशील तथा तेजीसे बढ़ते हुए उपभोक्ता मार्केट एवं आवास और शहरी अधोसंरचना की बढ़ती हुई मॉग वाले शहर है ।
मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जो श्रेष्ठ आर्कीटेक्चर, गुणवत्ताधारी भवनों और निर्माण गतिविधि के संबंध में पूर्ण रूप से सचेत है। अनेक प्रख्यात वास्तुविदों ने अपनी मेधा से मध्यप्रदेश के विकास में योगदान दिया है । ये हैं, श्री चाल्र्स कोरिया, श्री अनन्त राजे, श्री बी.व्ही.दोषी, श्री कानविन्दे तथा कई अन्य वास्तुविद । इन्होंने शहरी परिदृश्यों को समृद्ध करने और आधुनिक शहरी वातावरण के प्रति लोगों की अभिरूचि बढ़ाई है।
उपलब्धिया
अपने गठन से मार्च 2019 तक मंडल द्वारा विभिन्न श्रेणी हेतु 1,82,765 आवासो का निर्माण किया है
कमजोर आय वर्ग
- 72,656
निम्न आय वर्ग
- 55,232
मध्यम आय वर्ग
- 39,616
उच्च आय वर्ग
- 15,261
मंडल द्वारा 1,61,715 भूखंडो का विकास भी किया गया है । इसके अतिरिक्त मंडल द्वारा कार्यालयीन भवन, शापिंग काम्पलेक्स, शाला भवन आदि का भी निर्माण किया गया है ।
कमजोर आय वर्ग
- 73984
निम्न आय वर्ग
- 38125
मध्यम आय वर्ग
- 31112
उच्च आय वर्ग
- 18494
विगत 5 वर्षो की प्रगति निम्नानुसार है :-
वित्तिय वर्ष
2014-15
2015-16
2016-17
2017-18
2018-19
भूखंड विकास
1,745
1,873
1,488
1,480
1,431
आवास निर्माण
2,245
2,197
2,233
4,005
5,232
मंडल देश के कुछ ही गृहनिर्माण मंडलो में या शायद अकेला ऐसा मंडल है, जिसे अनुदान के रूप से सरकार से किसी भी प्रकार की वित्तिय सहायता नहीं मिलती है।
उसके सभी प्रोजेक्ट्स और कार्यक्रमों की उसकी आन्तरिक सबसिडी सहित व्यवस्था मार्केट की स्वीकार्यता के अनुरूप प्रोजेक्ट की आर्थिक–संरचना में से ही की जाती है।
इस क्षेत्र में विलक्षण संभावना को देखते हुए निजी बिल्डरों की प्रतिस्पद्र्धा में यह बोर्ड बहुत अच्छे ढंग से काम कर रहा है।
मण्डल निर्मित आवासीय सम्पत्तियों का व्ययन निम्नानुसार करता है :–
1. स्वयं वित्तीय आधार पर
2. एक मुश्त आधार पर
3. भाड़ाक्रय आधार पर मण्डल व्यवसायिक सम्पत्तियों का व्ययन मोहर बंद आफर आमंत्रित कर करता है । मण्डल की कालोनियों में विकसित शैक्षणिक उपयोग के शाला भूखण्डों का आवंटन प्री–क्वालीफिकेशन के आधार पर पात्र शिक्षण संस्थाओं को करता है ।
मण्डल आवासीय योजना के अतिरिक्त विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों, राज्य के विभागों व निजी संस्थानों के निर्माण व विकास कार्य डिपाजिट(निक्षेप) योजना के अन्तर्गत निष्पादित करता है ।